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GST In India

GST is one indirect tax for the whole nation, which will make India one unified common market.

बुधवार, 28 जून 2017

GST में Reverse Charge का क्या अर्थ हैं-

रिवर्स चार्ज का अर्थ-  GST में सामान्यत: Supplier यानि वस्तु या सेवा को बेचने वाला व्यक्ति Customer से GST चार्ज करता हैं और सरकार को जमा करवाता हैं| लेकिन कुछ परिस्थितियों में GST की जिम्मेदारी Supplier पर न होकर Receiver यानि वस्तु या सेवा खरीदने वाले व्यक्ति पर होती हैं, इसे ही Reverse Charge Mechanism (RCM) कहते हैं| Reverse Charge में क्रेता GST का भुगतान विक्रेता को न करके सीधा सरकार को जमा को जमा करवाता हैं|...

GST में कब और कितने Types के Returns File करने हैं-

GST  कानून के तहत अगर किसी व्यवसाय का Turnover यानि की वार्षिक बिक्री (Sale) 20 लाख रूपये (North East States में 10 लाख रूपये) से अधिक हैं तो उसे GST में Registration लेना पड़ेगा और अपने द्वारा की गयी सभी वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई पर GST लगाना होगा| जिसकी Rates हर वस्तु और सेवा पर अलग अलग हैं| कुछ वस्तुएं और सेवाएँ GST से Exempted हैं यानि की उन पर GST नहीं लगता GST Return क्या होता हैं- जो व्यक्ति GST में Registered हैं उसे हर महीने Online...

GST आने के बाद Sales Tax का क्या होगा-

सेल्स टैक्स या बिक्री कर क्या है:सेल्स टैक्स किसी भी वस्तु पर चुकाया जाने वाला कर होता है. यह कर सीधे सरकारी विभाग को जाता है जो इससे सम्बंधित चीज़े देखता है. .कौन लगाता है:बिक्री कर आमतौर पर पुरे देश में किसी भी वस्तु या सेवा पर लगता है और इसके लिए केंद्रीय सरकार तथा राज्य सरकार दोनों ही आर्डर जारी करते हैं. यह मुख्यतः वस्तु के एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने या आयत करने पर ही लगता है. अर्थात जब कोई भी वस्तु या सेवा किसी...

GST में Tax किस दर (Rate) से लगेगा-

GST के अंतर्गत पांच तरह की Tax Rates रखी गयी हैं| आवश्यक वस्तुओं पर कम दर हैं तो विलासिता की वस्तुओं और सेवाओं पर ज्यादा| GST के लागू होने बाद वर्तमान के Indirect Taxes जैसे Excise Duty, Service Tax और VAT आदि समाप्त हो जायेंगे और उसकी जगह केवल GST ही लगेगा| GST के लागू होने के बाद कुछ वस्तुएं सस्ती होंगी तो कुछ महँगी GST Council के द्वारा बनाये गए नियमों अनुसार GST tax के...

CGST, SGST और IGST क्या हैं-

CGST,IGST और SCGT  गुड्स और सर्विस टेक्स के ही पार्ट है जो भारत मे 1 जुलाई से लागु होंगे. राज्य के भीतर माल बेचने पर CGST(central goods and service tax) तथा SGST(state goods and service tax) लगेगा. उदाहरण. यदि कोई राजस्थान का वयक्ति राजस्थन के वयक्ति को माल बेचता है और उस वस्तु और उस वस्तु पर GST की rate18%  है तो 9%CGST तथा 9%SGST लगेगा और यदि माल राज्य के बाहर के व्यक्ति को बेचा जाता है तो 18 % की दर से IGSTलगेगा | Excise Duty,...

जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैसे करें-

आप को भरना होगा Part-A का Form GST REG-01. और देना होगा  PAN, mobile number, and E-mail ID, उसके बाद सबमिट करना होगा अपना फॉर्म। आप का PAN verified होगा  GST Portal पर और  Mobile number, and E-mail ID का सत्यपान one-time password (OTP) के द्वारा होगा। आप को एप्लिकेशन रेफ्रन्स नंबर आप के mobile और मैल द्वारा भेजा जाएगा। अब आप को एप्लिकेशन GST REG-01 के Part- B में application reference number डालना है जो आप को मैल पर या मोबाइल inbox...

GST में Composition Scheme क्या हैं और इसके लिए कौन Eligible हैं-

ऐसे व्यव्साय जो माल का लेन देन् करते है अथवा किसी रेस्टोरेंट के मालिक है GST Composition Scheme के लिये apply कर सकते है किंतु उनका annual Turnover 50 lac से ज्यदा नही होना चहिए तथा inter state sale  अर्थात राज्य से बाहर माल का विक्रय नही होना चहिये। Composition Scheme वाले व्यापारी को GST के Detailed Record रखने कि आवश्यकता नही रहती है तथा उसे त्रैमासीक विवरण(Quarterly Return) ही भरना होगा मासिक विवरण नही। Composition Scheme मे कुल आवर्त्...

जीएसटी रजिस्ट्रेशन किसे कराना पड़ेगा-

GST एक अप्रत्यक्ष कर है जो वस्तुओं और सेवाओं  की आपूर्ति (Supply of Goods and Services) पर लगाया जाता हैं| GST के अंतर्गत छोटे कारोबारियों को राहत दी गयी हैं इसलिए ऐसे कारोबारी जिनकी वार्षिक बिक्री 20 लाख रूपये से कम हैं तो उनके द्वारा सप्लाई की गई वस्तुओं और सेवाओं पर GST नहीं लगाया जाएगा| उत्तरी पूर्वी राज्यों  Arunachal Pradesh, Assam,  Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Sikkim, Tripura, Himachal Pradesh and Uttarakhand...

जीएसटी प्रैक्टिशनर कौन बन सकता हैं-

GST प्रैक्टिशनर का क्या अर्थ हैं- GST क़ानून के तहत किसी भी करदाता को विभिन्न प्रकार के कार्य करने होते हैं जैसे GST का रजिस्ट्रेशन करना, GST के रिटर्न फाइल करना आदि।GST कानून के अनुसार कोई भी करदाता चाहे तो इस प्रकार के काम GST प्रैक्टिशनर के द्वारा भी करवा सकता हैं| GST प्रैक्टिशनर सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त वह व्यक्ति होता हैं जिसको करदाता अपने GST सम्बंधित कार्य करने की अनुमति देता हैं GST Practitioner कौन बन सकता हैं- GST क़ानून के...

जीएसटी से देश को क्या लाभ होगा-

जीएसटी से देश को क्या लाभ होगा- जी.एस.टी. की पेशकश भारत के अप्रत्यक्ष कर सुधारों के क्षेत्र में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम हैं। बहुत सारे केंद्रीय और राज्यों के करों को एकल कर में मिलाकर और पूर्व-चरणों के करों को समाप्त करने की अनुमति देकर, यह व्यापक रूप से गिरावट के बुरे प्रभावों को काफी हद तक कम करने में मदद करेगा और समान राष्ट्रीय बाजार के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। उपभोक्ताओं के लिए सबसे बड़ा फायदा समग्र माल पर कर बोझ में कमी है, जिसका वर्तमान...

जीएसटी क्या है और इससे भारत में टैक्स के क्षेत्र में कैसे बदलाव आएगा-

जीएसटी क्या है- जीएसटी (GST), भारत के कर ढांचें में सुधार का एक बहुत बड़ा कदम है। वस्तु एंव सेवा कर (Goods and Service Tax) एक अप्रत्यक्ष कर कानून है (Indirect Tax) है। जीएसटी एक एकीकृत कर है जो वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर लगेगा। जीएसटी लागू होने से पूरा देश,एकीकृत बाजार में तब्दील हो जाएगा और ज्यादातर अप्रत्यक्ष कर जैसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Excise), सेवा कर (Service...