GST एक अप्रत्यक्ष कर है जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति (Supply of Goods and Services) पर लगाया जाता हैं| GST के अंतर्गत छोटे कारोबारियों को राहत दी गयी हैं इसलिए ऐसे कारोबारी जिनकी वार्षिक बिक्री 20 लाख रूपये से कम हैं तो उनके द्वारा सप्लाई की गई वस्तुओं और सेवाओं पर GST नहीं लगाया जाएगा| उत्तरी पूर्वी राज्यों Arunachal Pradesh, Assam, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Sikkim, Tripura, Himachal Pradesh and Uttarakhand आदि में यह छूट सीमा 10 लाख रूपये हैं|
ऐसे छोटे कारोबारियों को GST Registration लेने की भी अनिवार्यता नहीं होगी अगर वे वस्तुओं या सेवाओं की अंतर्राज्यीय आपूर्ति (Inter-State Supply) यानी कि एक राज्य से दूसरे राज्य में आपूर्ति नहीं करते| फिर भी अगर वे चाहें तो स्वैच्छिक रूप से GST Registration के लिए Apply कर सकते हैं।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता-
सामान्य परिस्थितियां
- अगर वार्षिक टर्नओवर 20 लाख रूपये (उत्तरी पूर्वी राज्यों में 10 लाख रूपये) से ज्यादा हैं|
- अगर वस्तुओं और सेवाओं की दूसरे राज्य में आपूर्ति की जाती हैं (persons making any inter-State taxable supply)
- वह व्यक्ति जो E-Commerce Operator के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री/आपूर्ति करता हैं|
- वह व्यक्ति जो रिवर्स चार्ज के तहत GST भुगतान करने के लिए उतरदायी हैं|
- एक इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर
अन्य विशेष परिस्थितियां
- वह व्यक्ति जिसे धारा 37 में GST Deduct करना हैं
- Casual taxable persons
- non-resident taxable persons
- every electronic commerce operator
- an aggregator who supplies services under his brand name or his trade name
VAT, Service Tax, Excise आदि के वर्तमान करदाताओं के लिए GST Registration की आवश्यकता-
VAT(sales tax), Service Tax, Excise आदि के वर्तमान करदाताओं को GST में Registration (Migration) करना जरूरी हैं भले ही उनका टर्नओवर कम छूट सीमा (20 या 10 लाख रूपये) के अन्दर हो| एक बार GST लागू होने के बाद अगर उनका टर्नओवर कम हैं और उन्हें GST रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं हैं तो वे अपना GST रजिस्ट्रेशन सरेंडर कर सकते हैं|
छोटे कारोबारियों के लिए Composition Scheme-
सरकार ने छोटे कारोबारियों जिनका टर्नओवर 50 लाख रूपये तक हैं उनके लिए कम्पोजीशन स्कीम की सुविधा दी हैं| कम्पोजीशन स्कीम में कारोबारियों को GST के बहुत ही कम प्रावधानों का पालन करना पड़ेगा और वे सीधा त्रैमासिक टर्नओवर पर कम रेट से GST का भुगतान कर सकेंगे|
कम्पोजीशन स्कीम के बारे में अधिक जानने के लिए इस प्रश्न को देखिये –
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